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- वर्षा ऋतु प्रारंभ होने के पूर्व सुनिश्चित करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारीजिले में निकट समय में वर्षा ऋतु का आगमन अपेक्षित है।
- इस मौसम में अत्यधिक वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त, जर्जर,अथवा संभावित रूप से असुरक्षित भवनों, दीवारों एवं अन्य संरचनाओं के ध्वस्त होने की संभावनाएं प्रबल हो जाती है।
- समय रहते सावधानी नहीं बरते जाने पर ऐसे संरचनात्मक खतरों से गंभीर घटनाएं घट सकती हैं।
- जन सुरक्षा, लोकहित एवं लोक स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने आदेश जारी कर कहा है
- वर्षा ऋतु से पूर्व तत्काल आवश्यक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। जिले के सभी क्षतिग्रस्त, जर्जर, अथवा संभावित रूप से असुरक्षित भवनों, दीवारों एवं अन्य संरचनाओं की पहचान, निरीक्षण एवं निमयानुसार ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया, वर्षा ऋतु प्रारंभ होने के पूर्व सुनिश्चित के ली जाए ।
- क्षतिग्रस्त भवनों, इमारतों एवं दीवारों की पहचानउन्होंने निर्देशित किया है, जिले के सभी नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त, जर्जर या असुरक्षित भवनों, इमारतों,दीवारों एवं अन्य संरचनाओं की पहचान की जाएगी। यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित किया जाए,
- ताकि इन संरचनाओं के गिरने से किसी प्रकार की दुर्घटना न हो।ध्वस्तीकरण की प्रक्रियायदि कोई भवन, इमारत, अन्य संरचना या दीवार क्षतिग्रस्त पाई जाती है,
- तो इसे नियम एवं प्रक्रियाओं का पालन करते हुए सुरक्षा मानकों के तहत विधिपूर्वक ध्वस्त किया जाएगा। यह प्रक्रिया तत्काल आरंभ की जाए और इसमें सभी आवश्यक सुरक्षा उपायों का पूर्णतः पालन सुनिश्चित किया जाए।
- जिम्मेदारी उन्होंने कहा संबंधित मुख्य नगर पालिका अधिकारी और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जिला दमोह द्वारा संपूर्ण कार्यवाही नियमानुसार सुनिश्चित की जायेगी। संबंधित अधिकारियों द्वारा यथा आवश्यकतानुसार लोक निर्माण विभाग और अन्य संबंधित विभागों का सहयोग लिया जा सकेगा।
- यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की चूक न हो और जनसुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। संपर्ण प्रक्रिया के समाप्त होने के बाद एवं वर्षा ऋतदा जाए।
- सपूर्ण प्रक्रिया के समाप्त हान के बाद एव वषर्षा ऋतु से पूर्व संबंधित मुख्य नगर पालिका अधिकारी और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत,जिला दमोह द्वारा एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाए।
- प्रमाण पत्र में यह पुष्टि की जाए कि अब उनके नगर पालिका क्षेत्र एवं जनपद क्षेत्र में कोई भी क्षतिग्रस्त, जर्जर या असुरक्षित भवन, इमारत या दीवार आदि नहीं है। उक्त प्रमाण पत्र की एक प्रति संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी को भी उपलब्ध कराई जाये।
- संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी जिला दमोह द्वारा भी इस संबंध में नियमित समीक्षा की जाकर सुनिश्चित किया जाये कि उनके अनुभाग क्षेत्र में इस प्रकार की कोई भी क्षतिग्रस्त,जर्जर या असुरक्षित भवन, इमारत या दीवार आदि नहीं है।
- जानकारी प्रस्तुत करने की प्रक्रियाउन्होंने निर्देशित किया सभी मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत जिला द्वारा प्रत्येक सप्ताह परिशिष्ट-1 में संबंधित गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत करेंगे। यह जानकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत दमोह एवं परियोजना अधिकारी,शहरी विकास अभिकरण दमोह को सौंपी जाये।
- निगरानी एवं मॉनीटरिंगकार्य की सतत निगरानी हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत दमोह एवं परियोजना अधिकारी, शहरी विकास अभिकरण, दमोह को नोडल अधिकारी नियुक्तकिया गया है।
- यह अधिकारी प्रत्येक सप्ताह कार्य प्रगति एवं ध्वस्तीकरण की स्थिति की समीक्षा करेंगे। साथ ही संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी द्वारा भी इस संबंध में सतत् मॉनीटरिंग एवं समीक्षा सुनिश्चित की जावेगी।
- जनजागरूकता अभियानउन्होंने कहा संबंधित अधिकारी जनसमुदाय के बीच जागरूकता अभियान चलाएंगे, जर्जर भवनों और दीवारों के खतरे के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सार्वजनिक घोषणाएं,स्थानीय समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया का उपयोग कर जनसमुदाय में जागरूकता अभियान चलाएंगे,
- जिससे लोग स्वयं अपने आसपास के जर्जर एवं क्षतिग्रस्त भवनों की सूचना समय पर दे सकें और संभावित दुर्घटनाओं से बचाव किया जा सके।दिए गए निर्देशों के बावजूद जिले में इसी प्रकार की घटना होती है,
- तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी सुरक्षा मानकों का पूरी तरह से पालन हो और जन सुरक्षा की प्राथमिकता बनी रहे।
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