झांसी दिनांक 30.12.2024
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बाल श्रम उन्मूलन अभियान में झांसी प्रशासन की बड़ी कार्रवाई: 2 बालक रेस्क्यू किए गए
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झांसी।बाल श्रम उन्मूलन से संबंधित अभियान के अंतर्गत झांसी जिला अधिकारी द्वारा गठित डीटीएफ टीम सदस्य श्रम परिवर्तन अधिकारी पल्लवी सिंह, एएचटीयू थाना से एसआई श्री रामबाबू सचान और एसआई श्री आनंद मोहन, बचपन बचाओ आंदोलन से मनीष कुमार, बुंदेलखंड सेवा संस्थान से सपोर्ट पर्सन विकास निरंजन और सपोर्ट पर्सन शिवानी पोरवाल, आदि के द्वारा 30 दिसम्बर 2024 को दोपहर के समय में उक्त अभियान में झांसी से होते हुए, बड़ागांव ब्लॉक के बरूआसागर क्षेत्र में दुकानों पर निगाह रखते हुए 14 वर्ष से कम उम्र का बच्चा बाल श्रम में नियोजित तो नही है के क्रम में एक प्रतिष्ठान पर 2 बालक जिनकी उम्र 14 वर्ष से कम प्रतीत हो रही थी रुककर पुछताझ की गई और रेस्क्यू किया गया। दिनांक 30/12/2024 को कुल 2 बच्चों को बड़ागांव ब्लॉक के बरूआसागर बाजार से रेस्क्यू किया गया ।
प्रतिष्ठान द्वारा बालक की उम्र बिना सबूत के बच्चे को 14 वर्ष से अधिक बताया गया। उम्र की सही जाँच के लिए सरकारी अस्पताल में बच्चों का मेडिकल कराया गया। यह बच्चे 6 महीने से प्रतिष्ठान में कार्य कर रहे थे। बच्चे को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। बता दें कि बाल श्रम अधिनियम 1986 के तहत अगर कोई व्यक्ति अपने व्यवसाय के लिए होटल, फैक्ट्री, दुकान या अन्य किसी भी जगह पर 14 साल से कम उम्र के बच्चों से काम करवाता है तो इसे अपराध माना जाता है। देश में बाल श्रम पर पाबंदी है। बालश्रम कराने वाले मालिकों को 2 साल की जेल हो सकती है और उस पर 50 हजार रुपया तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है। अधिनियम में बच्चे को 14 वर्ष से कम आयु का व्यक्ति माना गया है। यह अधिनियम द्वारा निषिद्ध नहीं किए गए व्यवसायों में बच्चों की कार्य स्थितियों को भी नियंत्रित करता है, जैसे: काम के घंटे और अवधि, साप्ताहिक अवकाश, और स्वास्थ्य और सुरक्षा ।
उल्लेखनीय है कि कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाऊडेशन की परियोजना एक्सेस टू जस्टिस फॉर चिल्ड्रेन मे बुंदेलखंड सेवा संस्थान द्वारा बाल श्रम, बाल यौन शोषण, बाल तस्करी, बाल विवाह को रोकने हेतु व बच्चों के अधिकारो के लिए जन जागरूकता अभियान जिलाधिकारी झांसी के निर्देशन चलाया जा रहा है।
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टीम मानवाधिकार मीडिया से ब्यूरो रिपोर्ट झांसी।