भगवती मानव कल्याण संगठन के सदस्यों द्वारा नशा विरोधी अभियान चला रहा है जिसके चलते 3 पेटी अवैध शराब पकड़ी. दमोह जिले की पथरिया थाना अंतर्गत भगवती मानव संगठन के सदस्यों द्वारा नशा विरोधी अभियान चलाया जिसमें आज करीब तीन पेटी अवैध रूप से शराब पकड़ी गई भगवती मानव कल्याण संगठन के सदस्यों द्वारा लगातार नशा विरोधी अभियान के तहत अवैध शराब का विक्रय करने वालों पर कार्रवाई करवाई जा रही है और उसी कड़ी में नशा मुक्ति के क्षेत्र में कार्य करने वाले संगठन के सदस्यों ने 3 पेटी अवेध शराब पकड़ाई है जो पथरिया थाना अंतर्गत नगर के संजय चौराहे पर 3 पेटी अवैध शराब आरोपित विवेंद्र पिता भगुन सिंह परिहार निवासी जखरौन छतरपुरअनुराग पिता बलराम राय निवासी कोरसा जबेरा बाइक पर ले जा रहे थे। जिसे पुलिस को सूचना देकर पकड़वाया गया।

भगवती मानव कल्याण संगठन के सदस्यों द्वारा नशा विरोधी अभियान चला रहा है जिसके चलते 3 पेटी अवैध शराब पकड़ी. दमोह जिले की पथरिया थाना अंतर्गत भगवती मानव संगठन के सदस्यों द्वारा नशा विरोधी अभियान चलाया जिसमें आज करीब तीन पेटी अवैध रूप से शराब पकड़ी गई भगवती मानव कल्याण संगठन के सदस्यों द्वारा लगातार नशा विरोधी अभियान के तहत अवैध शराब का विक्रय करने वालों पर कार्रवाई करवाई जा रही है और उसी कड़ी में नशा मुक्ति के क्षेत्र में कार्य करने वाले संगठन के सदस्यों ने 3 पेटी अवेध शराब पकड़ाई है जो पथरिया थाना अंतर्गत नगर के संजय चौराहे पर 3 पेटी अवैध शराब आरोपित विवेंद्र पिता भगुन सिंह परिहार निवासी जखरौन छतरपुर
अनुराग पिता बलराम राय निवासी कोरसा जबेरा बाइक पर ले जा रहे थे। जिसे पुलिस को सूचना देकर पकड़वाया गया।

भगवती मानव कल्याण संगठन के सदस्य खिलान पटेल ने आबकारी अधिकारी पर लगाए आरोप

अगर अवैध शराब के अवैध कारोबार की जड़ तक जाने के बारे में जानने की कोशिश करे तो जानकारी जानकर आप भी चौक जायेंगे। वास्तविकता यह है कि शराब का अवैध धंधा ठेकेदारों का ही फंडा होता है।ठेकेदार शराब की जो दुकान ठेके पर लेता है। उस क्षेत्र में दर्जनों दुकानें चलाता है ढाबे वाले होटल वाले गोमती वाले कई घरों से कई चाय की दुकान से कोई पान की दुकान से आदि अनेक प्रकार से शराब का अवैध कारोबार होता है।

इन सब दुकान पर वह शराब अपने दो पहिया व चार पहिया आदि के माध्यम से सप्लाई की जाती है। यह दो पहिया व चार पहिया जिले में एक प्रोडक्ट की तरह मार्केटिंग करते हुए अवैध शराब का परिवहन करती है। जिसकी जानकारी जिला आबकारी विभाग को भी होती है लेकिन जिला आबकारी विभाग द्वारा इस अवैध शराब पर किसी भी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की जाती। जिससे या व्यापार इन साधनों के माध्यम से दिन दुगनी रात चौगुनी के तर्ज पर विकास कर रहा है और ठेकेदार के साथ-साथ आबकारी अधिकारी की जेब भी गर्म कर रहा होगा अन्यथा कार्रवाई न होना समझ से परे है।

जिला आबकारी अधिकारी द्वारा जबसे जिले में पदस्थ हुए हैं शायद ही अवैध शराब माफियाओं पर कोई बड़ी कार्यवाही की होगी। हां यह जरूर है कि कागजी खानापूर्ति हेतु जिला आबकारी अधिकारी द्वारा कच्ची शराब के केस, महुआ से बनी शराब आदि के केस बना कर खानापूर्ति कर ली जाती है। आबकारी विभाग द्वारा जिले में जहाँ जहाँ इस तरह के केस बनाए भी गए हो जो मात्र खानापूर्ति की गई। जबकि जिले के ग्रमीण क्षेत्र में दुकानों पर अवैध शराब का परिवहन बिक्री खुलेआम हो रही है जिसकी जानकारी आबकारी अधिकारी को होने के बाद भी कोई कार्यवाही ना होना इस ओर संकेत करता है कि अवैध शराब का कारोबार आबकारी अधिकारी के संरक्षण में ही फल-फूल रहा है। आबकारी अधिकारी के गैर जिम्मेदाराना रवैया से जिले में अवैध शराब का कारोबार बढ रहा है। आज जिले में कहीं पर किसी भी बच्चे से पूछ लिया जाए शराब कहां मिलती है तो आसानी से उस स्थान का पता बता देगा। इस तरह आबकारी अधिकारी के कार्यकाल में जिले में अवैध शराब विक्रेताओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।

Share