मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के छत्तीस विधायक जो बुंदेलखंड राज्य का समर्थन नहीं करते हैं उनका प्रतीकात्मक सामूहिक पुतला फूंका

झांसी।बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के तत्वावधान में मोर्चा अध्यक्ष भानू सहाय के नेतृत्व में मध्य प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र के छत्तीस विधायको के प्रतीकात्मक सामूहिक पुतला कचहरी के पास फूँके गये।”बहुत सहा है अब ना सहेंगे बुन्देलखण्ड तो लेके रहेंगे” एवं “बुन्देलखण्ड तो लेगे लेंगे जैसे जैसे दोगे वैसे लेंगे” के गगन भेदी नारे लगाते हुए गाँधी पार्क से जुलूस के रूप मे मोर्चा के योद्धा मध्य प्रदेश के सात जिले सागर, छतरपुर, दमोह, टीकमगढ़, दतिया, निवाड़ी एवं पन्ना व सात तहसीले लहार, पिछोर, करेरा, चंदेरी, गंज बासौदा, कटनी एवं चित्रकूट के विधायकों के पुतले लेकर पंडित चौराहे पर पहुंचे जहां पुतले को दहन कर दिया। गया।
पुतला दहन करते समय महिलाओं एवं मोर्चा के योद्धाओ ने नारे बाजी की कि एम.पी. बुन्देलखण्ड के विधायक शर्म करो बुन्देलखण्ड राज्य की मांग करो।
पुतला जलाने के उपरान्त मोर्चा अध्यक्ष भानू सहाय ने कहा कि बुंदेलखंड राज्य निर्माण का आन्दोलन मध्य प्रदेश की धरती से प्रारम्भ हुआ था। बुंदेलखंड का विभाजन होते ही ओरछा नरेश ने “हमाओ बुंदेलखंड हमें वापस दो” के नारे के साथ आंदोलन प्रारम्भ कर दिया था।मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के अनेक सांसदों, विधायकों एवं बड़े नेताओं ने आन्दोलन का आगाज़ किया था। आज जिन विधायकों के पुतले फूँके गये है उन्हें अनेकों बार आग्रह किया गया कि विधानसभा में प्राईबेट मेम्बर बिल रखे एवं एक पत्र प्रधानमंत्री को बुन्देलियो की भावनाओ से अवगत कराते हुए इस आशय से लिखे कि बुन्देलखण्ड राज्य अति शीघ्र बना दिया जाये।चुंकि इन विधायकों ने न तो विधानसभा ने प्राइवेट मेंबर बिल रखा और न ही प्रधानमंत्री को पत्र लिखा, इसलिए जो बुंदेलखंड का नहीं वो किसी काम का नहीं।पुतला दहन करने वालों एडवोकेट अशोक सक्सेना महामंत्री, रघुराज शर्मा, प्रदीप नाथ झा ,गिरजा शंकर राय, कुंवर बहादुर आदिम,उत्कर्ष साहू, हनीफ खान ,रजनीश श्रीवास्तव एडवोकेट,अनिल कश्यप जिलाध्यक्ष, रसीद कुरैशी,आशीष रायकवार नगर अध्यक्ष, सी डी लिटोरिया ,नरेश वर्मा, सचिन साहू , घनश्याम गौतम , दुलीचंद कुशवाहा,प्रभू दयाल कुशबाहा , राजेन्द्र कुमार पूर्व पार्षद,शाहजहाँ बेग़म, कुंती राय,राधा वर्मा, बॉबी बेग़म ,हर्ष साहू, प्रिंस साहू , आदि उपस्थिति रहे।

टीम मानवाधिकार मीडिया से आनन्द बॉबी चावला झांसी।