108 के इंतजार में घंटों तड़पती रही महिला, पहले कहा समय लगेगा, फिर कहां आक्सीजन नहीं है

108 के इंतजार में घंटों तड़पती रही महिला, पहले कहा समय लगेगा, फिर कहां आक्सीजन नहीं है संकट के साथियों ने रात्रि में की मदद फ़िर नसीब हुई 108

दमोह। दमोह जिला चिकित्सालय में मरीजों को नसीब नहीं हो रही है सुविधाएं दमोह जिला चिकित्सालय में भाजपा के बूथ अध्यक्ष धुर्ब सोनी के द्वारा अपने रिश्तेदार हेमलता सोनी उम्र 46 साल को इलाज हेतु दमोह जिला चिकित्सालय के आईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया था। जहां पर हालात बिगड़ते देख डाक्टरों ने जबलपुर रिफर का बोला तब हेमलता सोनी बेटे हर्ष सोनी 108 को फोन लगाया तो बताया कि 108 की लुकेशन बनवार में है। तो परिजनों से पूंछा गया कि 1 घंटे बाद 108 मिलेगी यदि तैयार हो तो बोलो परिजन तैयार हो गये। लेकिन जब 108 वालों को पुनः फोन लगाया तो फिर 108 हरगोविंद साहू ने जबाव दिया कि 108 में आक्सीजन कि कमी है। 50 % आक्सीजन है जो ज्यादा नहीं चल सकती है। मरीज को समस्या होगी। रात्रि का समय है आक्सीजन कहा मिलेगी। बाजार भी बंद हो गया। इतना कहकर फोन काट दिया गया। भाजपा के बूथ अध्यक्ष धृर्व सोनी ने संकट के साथी मोंटी रैकवार, जीतू ठाकुर,भूपेन्द्र अजमानी, अनुज ठाकुर को अवगत कराया तो तत्काल ही संकट के साथी दमोह जिला चिकित्सालय पहुंचे तब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मुकेश जैन और सिविल सर्जन डॉ राकेश राय को फोन लगाया तब उन्होंने फोन नहीं उठाया तब जिला चिकित्सालय में ड्यूटी पर तैनात डाक्टर राकेश ठाकुर,एम एल सी कम्प्यूटर आपरेटर प्रमोद रोहित, वार्ड वाय रंजीत रोहित ने जिला चिकित्सालय में सिलेंडर की व्यवस्था में सहयोग कर मानवता की मिसाल पेश की है। जिस पर संकट के साथियों ने आभार व्यक्त किया गया है। इस संबंध में भाजपा नेता और संकट के साथी मोंटी रैकवार ने बताया कि दमोह जिले में 108 एम्बुलेंस की व्यवस्था बिगड़ी हुई है। समय पर मरीजों को 108 एम्बुलेंस नसीब नहीं होती है। निजी एम्बुलेंस संचालकों से 108 के पायलट और सहयोगी की सांठगांठ है।इस लिए सरकारी 108 एम्बुलेंस के लिए अस्पताल में जानबूझकर ही विलम्ब से आते हैं। जिससे मरीज़ के परिजन प्राइवेट एम्बुलेंस जबलपुर जातें हैं और मरीज के परिजनों से कहते हैं कि जबलपुर में मेडिकल कॉलेज से प्राइवेट अस्पताल बेहतर है। यहां पर कमीशनबाजी होती है। 108 को बिलम्ब से लाने के खेल में सांठगांठ चल रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन की नाक के नीचे यह सब कार्य फल फूल रहा है। संकट के साथी मोंटी रैकवार ने जिला प्रशासन से अपील करते हुए कहा है कि इस तरह के गौरख धंधा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएं। संकट के साथी भूपेंद्र अजमानी ने बताया कि यदि 108 प्रकरण में यदि मोंटी,जीतू और अनुज जैसे सहयोगी नहीं आते तो मरीज के परिजनों को प्राइवेट एम्बुलेंस से ही जबलपुर जाना पड़ता बड़ी ही दुर्भाग्य की बात है कि तीन-तीन एम्बुलेंस में आक्सीजन नहीं है। जिसकी आडियो रिकार्डिंग भी है। आखिर दमोह की जनता की जान से खिलवाड़ और मरीजों के परिजनों को परेशान करने वाले 108 एम्बुलेंस और निजी एम्बुलेंस संचालकों के मोबाइल नम्बर की भी जांच करना चाहिए जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
रात्रि एक बजे खाली आक्सीजन की 108 तीन बाद दमोह आई जिसमें जिला अस्पताल के ड्यूटी डाक्टर राकेश कुमार ठाकुर, कम्प्यूटर आपरेटर प्रमोद रोहित, वार्ड वाय रंजीत रोहित के सहयोग अस्पताल से ही सिलेंडर उपलब्ध कराया गया तब 108 से मरीज़ हेमलता सोनी को दमोह से जबलपुर रिफर किया गया।

Share