नौतनवा/महराजगंज (आज): शासन द्वारा ज़मीन के बंटवारे से जुड़े विवादों को कम करने और रजिस्ट्री प्रक्रिया को सही बनाने के उद्देश्य से खतौनी में अंश निर्धारण की व्यवस्था लागू की गई थी। इसके तहत ज़मीन के मालिकाना हक को स्पष्ट करना और विवादों को समाप्त करना प्राथमिकता थी। लेकिन, नौतनवा में तैनात लेखपाल की लापरवाही या मनमानी के चलते यह योजना धरातल पर विफल होती नजर आ रही है।
बताया जा रहा है की लेखपाल या तो अंश निर्धारण की प्रक्रिया को अनावश्यक रूप से लंबित कर रहे हैं या फिर मनमानी ढंग से कर रहे हैं।सूत्रों की माने तो कई मामलों में बिना जांच-पड़ताल के ही अंश निर्धारण कर दिया गया। तो एक खतौनी में विभिन्न गाटों के कुछ गाटों को छोड़कर बाकी का अंश निर्धारण कर दिए हैं। इसके अलावा, कुछ मामलों में लेखपालों पर आरोप है कि वे बिना उचित कारण बताए गाटो को रोक रहे हैं, जिससे ज़मीन की रजिस्ट्री और बंटवारे और फार्मर रजिस्ट्री में परेशानी हो रही हैं।लोगो ने बताय की कई बार इस मुद्दे को लेकर तहसील और जिला प्रशासन से शिकायत की गई। लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। प्रशासन की इस चुप्पी से लेखपालों के हौसले बुलंद हैं और आम जनता अपने अधिकारों के लिए दर-दर भटक रही है।
शासन की मंशा पर पानी फेर रहे लेखपाल, अंश निर्धारण में घोर लापरवाही

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