*कृषि विज्ञान केन्द्र, दमोह में फोरम ऑफ केवीके एंड ए आई सी आर पी द्वारा आयोजित आई सी ए आर एवं नियोक्ता द्वारा केवीके के प्रति अन्याय के खिलाफ एक दिवसीय देश व्यापी विरोध प्रदर्शन हड़ताल ,हमारे अन्नदाता किसानों की प्राथमिक पाठशाला एवं कृषि के नवाचार को खेतों तक पहुंचने में पांच दशक तक केवीके के वैज्ञानिकों की अथक परिश्रम एवं प्रयासों का रिटर्न भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय द्वारा वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों को पिछले चार माह से वेतन एवं अन्य राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है वैज्ञानिक कर्मचारी पूर्ण रूप से हतोउत्साहित होकर अंतिम विकल्प के रूप में हड़ताल एवं विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं जैसा कि आज *विश्व मृदा दिवस का* अवसर है ऐसे में हमारे किसानों को वैज्ञानिकों द्वारा समर्पित एवं सरल तरीके से कृषि के हर पहलू पर जानकारी दी जाती है आज वैज्ञानिक मजबूरी बस हड़ताल एवं विरोध प्रदर्शन का कार्य कर रहा है इस विषय पर *भारत सरकार के माननीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान* मध्य प्रदेश के *मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव* एवं मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री जी को इस महत्वपूर्ण समस्या के समाधान हेतु शीघ्र ही कोई कारगर निर्णय लेते हुए देशव्यापी इस हड़ताल का कोई ना कोई शीघ्रतीशीघ्र समाधान निकालना होगा
अटारी द्वारा केन्द्रों के कार्मिकों की सेवा शर्तों में अचानक बदलाव किया जा रहा है, जबकि इन केन्द्रों में कार्य कर रहे अधिकांश कार्मिक लगभग 35 से 40 साल से ज्यादा की सेवाएं दे चुके हैं। कृषि विज्ञान केन्द्रों के राष्ट्रीय फोरम के तत्वाधान में कार्मिकों ने *निम्न मांगों* को लेकर इस हड़ताल का आयोजन किया है जिसमें सबसे प्रमुख आर.एस. परौदा समिति की सिफारिशों को लागू करके सभी मेजबान संगठनों के लिए *एक के. व्ही. के. एक नीति* (ओकेओपी) को प्रमुखता दी है ताकि इनमें काम करने वाले सभी कार्मिक (वैज्ञानिक, तकनीकी, प्रशासनिक और सहायक सहित) समान सुविधाओं का लाभ उठा सके और कृषि विज्ञान केन्द्रों के वेतन भत्तों में कोई असमानता न रहे। इसी परिप्रेक्ष्य में म.प्र. कृषि विज्ञान केन्द्र इम्प्लॉयज वेलफेयर एसोसिएशन ने भी 5 दिसम्बर 2024 को हड़ताल का आयोजन किया है।। रिपोर्टर गनेश रायफतेहपुर