सुरक्षा व्यवस्था की खुल रही पोल,क्यो मूकदर्शक हैं एजेंसियां?

नौतनवां/महराजगंज (): जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता और चौकसी बढ़ा दी है। सीमावर्ती क्षेत्रों में किसी भी तरह की घुसपैठ और अवैध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पेट्रोलिंग और तलाशी अभियान तेज कर दिए गए हैं। सीमा पर तैनात एसएसबी, कस्टम, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सक्रिय होकर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रही हैं, ताकि देश विरोधी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।

हालांकि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद सीमाई इलाकों में तस्करी का सिलसिला थम नहीं रहा है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार दिन के उजाले और रात के अंधेरे में तस्करी बड़े पैमाने पर जारी है। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि जो एजेंसियां तस्करी नहीं रोक पा रही हैं, क्या वे सीमा की घुसपैठ पर अंकुश लगा पाएंगी? या फिर कहीं यह तस्करी सुरक्षा एजेंसियों की मिलीभगत से तो नहीं हो रही? सीमा पर चौकसी के तमाम दावों के बावजूद लगातार हो रही अवैध गतिविधियां सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल रही हैं।

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