बिना भेदभाव सरोजनीनगर के 692 लोगों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 13.6 करोड़ की सहायता दिलाई गई, जातिवाद की राजनीति समाज के लिए विभाजनकारी – डॉ. राजेश्वर सिंह
शकील अहमद
सरोजनीनगर, लखनऊ । राजधानी लखनऊ के सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने शुक्रवार को ट्वीट कर विपक्षी दलों द्वारा हवा दी जा रही जातिवादी राजनीति को आड़े हाथों लिया। डॉ. सिंह ने कहा कि जातिवाद अशिक्षित नेताओं की स्वकेंद्रित राजनीति का सबसे बड़ा हथियार है।सरोजनीनगर विधायक ने अपने आधिकारिक एक्स(ट्विटर) पर पोस्ट कर लिखा कि जातिवाद लोकतंत्र के मस्तक पर सबसे बड़ा कलंक और भावी पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य की राह में सबसे बड़ी बाधा है।
डॉ. सिंह ने आगे जोड़ते हुए लिखा जातिवाद की राजनीति समाज में वैमनस्यता और विभाजन के बीज बोती है, जातिवाद की जकड़न में कराहते लोकतंत्र को देखकर हमारे महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की आत्मा व्यथित हो जाती होगी। जातिवाद की राजनीति एक जहर है। बता दें कि सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह जातिवाद की राजनीति करने वाले राजनीतिक दलों पर लगातार तीखा प्रहार करते रहते हैं।
विधायक ने अनेक मौकों पर युवाओं को जातिवाद से दूर रहने की सलाह दी और कहा की जातिवाद नहीं डिजिटल शिक्षा युवाओं का भविष्य है। डॉ. सिंह का मानना है कि युवाओं की कोई जाति नहीं होती, युवाओं का कोई धर्म नही होता। डॉ. राजेश्वर सिंह अनेक मौकों पर कहते नजर आए हैं कि सरोजनीनगर में जातिवाद की राजनीति का कोई स्थान नहीं है। सरोजनीनगर में राम रथ श्रवण अयोध्या यात्रा निःशुल्क बस सेवा चलाकर सभी जातियों के रामभक्तों को अयोध्या दर्शन कराया जाता है।
तारा शक्ति निःशुल्क रसोई के माध्यम से रोज करीब 4,000 जरूरतमंदों को बिना जाति -धर्म के भेदभाव ताजा, पौष्टिक भोजन कराया जाता है। बिना किसी भेदभाव 130 से अधिक तारा शक्ति केंद्र सिलाई सेंटर स्थापित हुए, 27 कॉलेजों में डिजिटल लाइब्रेरी,13 कॉलेजों में डिजिटल पैनल स्मार्ट क्लास रूम स्थापित करवाकर सभी जातियों, वर्गों के बच्चों को डिजिटल शिक्षा के अवसर दिलाया गया, 1000 से ज्यादा मेधावियों को उनकी जाति देखे बिना सम्मानित किया गया।
सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा बिना किसी भेदभाव 692 लोगों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 13 करोड़ 60 लाख की सहायता भी उपलब्ध करवाई गई है। विधायक द्वारा लगातार रण बहादुर सिंह डिजिटल शिक्षा एवं युवा सशक्तिकरण केंद्र खुलवाकर युवाओं को डिजिटल स्किल की ट्रेनिंग भी दिलाई जा रही है।