76वें गणतंत्र दिवस पर जिलाधिकारी ने कलैक्ट्रेट में किया ध्वजारोहण
महारानी लक्ष्मी बाई दुर्ग की प्राचीर से जनपद वासियों को दी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं, गणतंत्र का अर्थ है लोगों का शासन
संविधान सभा में शामिल झांसी के रघुनाथ विनायक धुलेकर और पंडित कृष्ण चंद शर्मा को याद कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी
जनपद के चौमुखी विकास के लिए सभी अधिकारी व कर्मचारी संकल्पित होकर कार्य करें
गणतंत्र दिवस पर शहीदों, बलिदानियों,संविधान निर्माताओं को स्मरण करते हुए दी विनम्र श्रद्धांजलि
विश्व में सबसे शक्तिशाली लोकतांत्रिक देश है,ऐसा कोई कार्य न करें जिससे गणतंत्र और लोकतंत्र को हानि हो
——————–
झांसी : जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने 76वें गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर कलैक्ट्रेट में ध्वजारोहण कर सलामी दी और राष्ट्रगान किया। उन्होंने भारतीय संविधान की उद्देशिका के संकल्प को सामूहिक रूप से शपथ के साथ दोहराया।
जिलाधिकारी ने सभी को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि भारतीय संविधान की उद्देशिका के अनुसार समानता के साथ कार्य करने का संकल्प लेते हैं। आज उसी जज्बे के साथ समृद्धि, प्रगति और विकास की मंजिल तय करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हम सभी भारतीय संविधान के आदर्शों को आत्मसात करें और प्रेरणा लेकर समृद्धि, प्रगति, विकास की ओर बढ़ें।
उन्होंने कलैक्ट्रेट स्थित नवीन सभागार में उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि देश का अपना सम्विधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। सम्विधान लिखने के लिए बहुत लोगों ने मदद की थी, जिसके अध्यक्ष बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर थे, लेकिन जनपद के कम लोगों को ही यह मालूम होगा कि झाँसी के आचार्य रघुनाथ विनायक धुलेकर और पॅ0 कृष्ण चन्द्र शर्मा भी इस समिति के सदस्य थे। दोनों ने देश के स्वतन्त्रता आन्दोलन में हिस्सा लिया और कई बार जेल यात्रा भी की। आचार्य धुलेकर ने जहाँ सम्विधान में कानून से जुड़े मसलों पर सुझाव दिए थे, वहीं कृष्णचन्द्र शर्मा ने आम आदमी के अधिकार तय करने में भूमिका निभाई थी। सम्विधान पत्र की मूल प्रति आज भी कृष्णचन्द्र शर्मा के परिवार के पास मौजूद है, जो 24 कैरेट सोने से जड़ी है और सम्विधान के अन्तिम पृष्ठ पर उनके साथ ही धुलेकर जी के साथ हस्ताक्षर हैं। उन्होंने कहा कि आज संकल्प लेना है कि देश की प्रगति में आदर्शो को आत्मसात करेंगे। उन्होंने इस अवसर पर निजी हित को भुलाकर समाज हित में और देश हित में कार्य करने पर बल दिया।
जिलाधिकारी ने वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की धरती को नमन करते हुए अपने सम्बोधन में भारत को आजादी दिलाने में बीर सपूत क्रातिकारियों और महापुरूषों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि यही वह दिन है जब हमारे देश का संविधान लागू हुआ था। 26 जनवरी 1950 से ही हमारे देश में गणतंत्र दिवस बनाया जाता है। हमारे संविधान में सभी धर्मो, जातियों, एवं वर्गाे का सम्मान एवं स्वाभिमान समाहित है। उन्होंने देश की सीमाओं पर वाह्य शक्तियों की कुदृष्टि का मुहतोड़ जबाव देने वाले जाबांज सैनिकों और आंतरिक सुरक्षा एवं शांति व्यवस्था के प्रहरी पुलिस जवानों को शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए देश में गणतंत्र के फलने-फूलने की कामना करते हुए शहीदों, बलिदानियों, संविधान निर्माताओं को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित दी, जिनकी वजह से देश को आजाद रूप में देख रहे हैं और गणतंत्र, संविधान, स्वराज के माध्यम से प्रशासन को प्राप्त कर रहे हैं। यह राष्ट्रीय पर्व जाति, धर्म, संप्रदाय, वर्ग क्षेत्र सभी से परे है। यह पर्व गणतंत्र की ताकत को बताने और समझने का पर्व है।
उन्होंने कहा कि सभी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी पूर्ण मनोयोग से अपने दायित्वों का निर्वहन करें। समय से सभी कार्य सम्पादित करें। उन्होने कहा कि हम जहॉ भी रहें देश की एकता और अखण्डता के लिए लोगों को प्रेरित करें। जाति, धर्म एवं सम्प्रदाय से ऊपर उठकर राष्ट्र निर्माण का कार्य करें। उन्होने कहा कि वर्ग, जाति, भेद, भाषा से ऊपर उठकर हमें देश की एकता के लिए कार्य करना होगा।
झांसी के ऐतिहासिक किले से जिलाधिकारी द्वारा किए जाने वाले झंडारोहण कि कई वर्षों पुरानी परंपरा को कायम रखते हुए जिलाधिकारी अविनाश कुमार द्वारा झंडारोहण किया गया एवं किले की प्राचीर से उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों, शहीदों को याद करते हुए नमन किया,जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता में योगदान दिया।
इस अवसर पर कलैक्ट्रेट में सूरज प्रसाद राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की छात्राओं ने राष्ट्रगान प्रस्तुत किया जिलाधिकारी ने उन्हें इस अवसर पर सम्मानित करते हुए शुभकामनाएं दी।
ध्वजारोहण के अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन ए के सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व वरुण कुमार पाण्डेय, अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे योगेन्द्र कुमार, सचिव जेडीए उपमा पांडेय, नगर मजिस्ट्रेट प्रमोद झा सहित अन्य विभाग अधिकारी,कर्मचारी व गणमान्य नागरिक जन उपस्थित रहे।
———————————–
टीम मानवाधिकार मीडिया से आनन्द बॉबी चावला झांसी।