श्री संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का भव्य आयोजन जबलपुर के पास मझौली तहसील ग्राम मड़ला में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का भव्य आयोजन चल रहा है जिसमें कथा कथावाचक के मुखारविंद से भगवत गीता के बारे में भक्तगणों को श्रोताओं को भागवत कथा का श्रवण करवा रहे पं श्री आशुतोष पोराणिकजी के मुखारविंद से श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन श्रवण कराया जा रहा है जिसमें राजा दक्ष की कथा यज्ञ में बिना बोलाऐ जाने के कारण सती माता अपने पिता के यहां गई हुई थी सती माता महादेव की कथा के बारे में तथा के माध्यम से किस प्रकार राजा दक्ष ने भोलेनाथ महादेव का अपमान भारी सभा में किया था उसके बाद शिवजी को आशिव का दर्जा दिया गया जिसको लेकर माता सती नाराज हो गई और उसके बाद राजा दक्ष ने एक यज्ञ का आयोजन किया जिसमें शिव शंकर को निमंत्रण नहीं दिया था माता सती जी वहां बिन बुलाए गई थी जिससे दक्ष ने उनका भी अपमान किया और माता सती वही अग्नि में भस्म होकर एक वरदान मांगा जब-जब जन्म मिले तब तब महादेव की अर्धांगिनी भक्त पहलाद रक्षाश हिरनाक्ष ध्रुव पहलाद की कथा के बारे में पं जी ने भागवत कथा में बताया मनुष्य को भाव सागर से पार करने के लिए एक मंत्र का स्मरण बताया गया ओम नमो भगवते वासुदेवा हे नाथ नारायण वासुदेवा इस मंत्र से मनुष्य भाव सागर से पर हो सकता है स कीर्तन के साथ हरे राम हरे राम राम हरे हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे यदि मनुष्य भगवान का स्मरण लगातार करता है तो मनुष्य को भवसागर से पार करने के लिए किसी मंदिर में जाने की आवश्यकता नहीं है कथा वाचक आशुतोष पोराणिकजी कथा मुख्ययजमान श्री भीकम प्रसाद शर्मा श्रीमती हल्की बाई शर्मा कथा स्थल जबलपुर मड़ला
श्रीमद् भागवत कथा का भव्य आयोजन चल रहा है

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