डॉक्टर द्वारका
- ग्रीष्मकालीन जुताई हेतु किसानों के लिए ध्यान रखने योग्य सावधानियां- डा. द्वारका

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ग्रीष्मकालीन जुताई करते समय किसानों को कुछ महत्वपूर्ण सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि भूमि की गुणवत्ता बनी रहे और आगामी फसलों के लिए उपजाऊ वातावरण तैयार हो सके। सबसे पहले, जुताई उस समय करें जब मिट्टी में थोड़ी नमी हो, ताकि मिट्टी की ऊपरी परत आसानी से पलट सके और ढेले न बने। ग्रीष्मकालीन जुताई गहरी करनी चाहिए जिससे खरपतवार, कीट-पतंगे और उनके अंडे नष्ट हो सकें। तेज धूप में कीट व रोगाणु नष्ट हो जाते हैं, इसलिए दोपहर के समय जुताई करना लाभकारी होता है। बार-बार जुताई करने से मिट्टी की ऊपरी परत भुरभुरी होती है जो वर्षा जल को आसानी से सोखने में मदद करती है। जुताई के बाद खेत को समतल करना भी आवश्यक है ताकि वर्षा के पानी का संग्रह ठीक प्रकार से हो सके और मिट्टी का कटाव न हो।