माफिया  शब्द पर भड़के पूर्व विधायक, सरकार पर पक्षपात का आरोप

मुस्लिम माफियाओं से प्रदेश मुक्त कर,बाकी को क्या संरक्षण दे रही है सरकार?

नौतनवा/महराजगंज: पूर्व विधायक कुँवर कौशल सिंह उर्फ मुन्ना सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में “माफिया” शब्द के इस्तेमाल पर कड़ी आपत्ति जताते हुए, कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान विधायक ने विधानसभा में नौतनवा क्षेत्र के पिछले 40 वर्षों के सभी विधायकों को “माफिया” करार दिया, जो सरासर अनुचित और अपमानजनक है।
पूर्व विधायक ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से वर्तमान विधायक को लीगल नोटिस भेजाने की बात कही है।  और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से मिलकर “माफिया” शब्द को सदन की कार्यवाही से हटाने की मांग करने की मांग करेंगे।
पूर्व विधायक ने कहा कि जो सरकार खुद को “माफिया मुक्त” बताकर अपनी पीठ थपथपा रही है, उसी ने एक महिला की हत्या के आरोप में जेल में बंद पूर्व मंत्री को स्वतंत्रता दिवस के दिन रिहा कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने बनारस से लखनऊ और लखनऊ से गाजियाबाद तक विशेष समुदाय के माफियाओं का सफाया किया, लेकिन बाकी को संरक्षण दिया जा रहा है।
उन्होंने सवाल उठाया कि अगर सरकार ने सच में माफिया राज खत्म कर दिया होता, तो यह सभी जातियों और समुदायों पर समान रूप से लागू होता।
पूर्व विधायक ने वर्तमान विधायक पर विकास कार्यों में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जब वे खुद विधायक थे, तो अपनी निधि से लक्ष्मीपुर रेंज से गुलरिया और सिहभार से गनेशपुर तक 19 किलोमीटर जंगल को तारबाड़ से घेरने का काम करवाया था, जिससे किसानों की फसल और जान की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकी थी।
उन्होंने कहा कि जब पूर्व विधायकों को सालाना सिर्फ 1.5 करोड़ (5 साल में 7.5 करोड़) निधि मिलती थी, तब यह कार्य हुआ, लेकिन अब वर्तमान विधायक को 5 वर्षों में 25 करोड़ विधायक निधि मिल रही है, फिर भी जंगलों की सुरक्षा के लिए सिर्फ प्रस्ताव पास दिये जा रहे हैं।
पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि अगर मौजूदा विधायक को वास्तव में किसानों की चिंता होती, तो वे अपनी निधि से जंगलों की घेराबंदी कराते, न कि सिर्फ विधानसभा में प्रस्ताव रखते।पूर्व विधायक ने कहा कि यह सरकार सिर्फ प्रचार और राजनीतिक बयानबाजी में माहिर है, जबकि जमीनी स्तर पर विकास कार्य ठप हैं।

Share