स्मार्ट सिटी में हुये घोटाले की जांच की मांग को लेकर मण्डलायुक्त को दिया ज्ञापन
झांसी! नगर निगम में स्मार्ट सिटी के नाम पर हुये तीन सौ करोड़ के घोटाले की जांच की मांग को लेकर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज शनिवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन के साथ दर्जनों कांग्रेसियो के साथ मण्डलायुक्त कार्यालय पहुँचकर अपर आयुक्त उमाकान्त त्रिपाठी को दस सूत्रीय ज्ञापन सौपा ज्ञापन में कहा गया कि नगर निगम में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत CAG की रिपोर्ट के अनुसार 937 करोड रुपए का एवं नगर निगम के महापौर के अनुसार 300 करोड रुपए के भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है जो कि ठेका लेने में ठेकेदार व अधिकारियों के मध्य सांठ-गांठ से संभव हुआ है। महानगर में स्मार्ट सिटी के नाम पर जितने भी कार्य हुये है उनमें अधिकांश कार्यों में घपला हुआ है। महानगर में महंगी दरों पर एलईडी टेलीविजन व स्ट्रीट लाईट लगवाई गई है। जिसके मेंटेनेंस की जिम्मेदारी अगले 3 साल के लिए कंपनी की है। परंतु अधिकांश स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी हुई हैं। स्मार्ट सिटी के अंतर्गत लगाए गए वाटर एटीएम बंद पड़े हुये हैं और शो पीस साबित हो रहे है।
महानगर में महंगी दरों पर 34 जिम बनाये गये जिनमें से लगभग 13 से अधिक खराब पड़े हैं और मशीन जंग खा रही हैं। शहर महंगे पिंक टायलेट बनाये गये है जो अनुउपयोगी साबित हो रहे है। नारायण बाग में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी स्थिति जस की तस है। शहर के विभिन्न पार्कों की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है। वाकिंग ट्रेक खराब और उखड़े पड़े हुए हैं। सभी पार्कों से टिकट वसूली भी चालू कीगई। इसी प्रकार स्मार्ट सिटी के वर्टिकल पार्कों के स्थिति खराब है। जिसका ठेका करोड़ों रुपए में हुआ था। लक्ष्मी तालाब और आतिया तालाब का विकास करोड़ पर खर्च करने के बाद भी दिखाई नहीं दे रहा है और कार्य अभी भी पूर्ण नहीं हुआ है। लक्ष्मी ताल में जलकुंभी भरी पड़ी है और मोटर बोट भी खराब/बंद पड़ी हुई है।
स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत खरीदी गई महंगी इलेक्ट्रिक कारें अनु उपयोगी साबित हो रही है।इसी तरह शहर में कई स्थानों पर इलेक्ट्रिक रिचार्ज साइकिल स्टैंड बनाए गए परंतु साइकिलें नदारत है। महानगर की कई बनी बनाई सड़कों को उखाड़ कर पुनर्निर्माण किया जा रहा है जिससे धन की हानि हो रही है।
टीम मानवाधिकार मीडिया से आनन्द बॉबी चावला झांसी।