अतुल जौहरी
रायबरेली। बैंक और प्राइवेट फाइनेंस कंपनियों की मनमानी अब नहीं चल सकेगी। वो अब बीच रास्ते से आपकी गाड़ी को उठा नहीं सकेंगे। अगर उनकी रिकवरी टीम ऐसा करती है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। उनके खिलाफ आप केस दर्ज करा सकेंगे। साथ ही आपकी गाड़ी उठाना हाईकोर्ट के आदेश की अवेहलना मानी जाएगी। इसके लिए पुलिस में भी पीड़ित शिकायत दर्ज करवा सकेंगे। यही नहीं यदि कोई बैंक या फाइनेंस कंपनी ऐसा करती है तो इसको कोर्ट की अवहेलना भी माना जाएगा।
ताजा मामला रायबरेली जिले के गुरबक्शगंज थाना क्षेत्र के जगना खेड़ा गांव का है। जहां पर आज दोपहर में लखनऊ से आए बैंक वसूली एजेंटों ने ग्रामीण कार मालिक के घर से जबरन गाड़ी उठा कर ले जाने लगे। मना करने पर अभद्रता भी किया। बैंक के वसूली एजेंटों से बैंक के अधिकार के तहत जारी पहचान कार्ड दिखाने के लिए कहा गया परंतु उन्होंने बैंक द्वारा जारी पहचान पत्र भी नहीं दिखाया।
जो वाहन स्वामी का गोपनीयता का अधिकार है। पीड़ित कार मालिक ने बताया कि उसकी गाड़ी की मात्र 6 या 7 किस्तें बाकी है। जो माता जी की बीमारी की वजह से नहीं जमा हो पाई। जिसे उसने बैंक के कर्मचारियों से भी बताया कि वह जल्द ही किस्तें जमा कर देगा। परंतु इसके बावजूद भी आज बिना नंबर की बोलोरो गाड़ी से पहुंचे कुछ जो लोग अपने को बैंक कर्मी बता रहे थे जबरन गाड़ी उठाकर ले जाने लगे। पीड़ित लगातार मिन्नते कर रहा था कि कुछ समय देदो वह जल्द ही पैसा जमा कर देगा।
अगर यदि वसूली एजेंटों के पास कोई रिकवरी का आदेश है तो उन्हें सबसे पहले नजदीकी थाने की पुलिस को सूचना देनी चाहिए। परंतु रायबरेली के गुरबक्शगंज में नियमों के विपरीत वसूली एजेंट गुंडागर्दी व मारपीट कर अवैध वसूली करते है। और पैसे न देने पर जबरन गाड़ी छीन लेते है।