जम्मू-कश्मीर में आज पहले चरण का मतदान समाप्त हो गया। पहले चरण में 58.19 प्रतिशत मतदान हुआ। जम्मू-कश्मीर में 10 साल में पहली बार चुनाव हो रहे हैं। बुधवार को जिन सात जिलों में मतदान हुआ, वहां मतदान प्रक्रिया काफी हद तक सुचारू रही। किश्तवाड़ में भाजपा और पीडीपी नेताओं के बीच मामूली झड़पें हुईं, हालांकि मतदान ज़्यादातर हिंसा मुक्त रहा। किश्तवाड़ जिले में सबसे ज़्यादा 77.23 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि पुलवामा में सबसे कम 46.03 प्रतिशत मतदान हुआ।
बाकी दो चरण 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे, जबकि वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी। भारत के चुनाव आयोग ने Xpost में लिखा कि हम जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में भाग लेने वाले अपने सभी मतदाताओं का दिल से आभार व्यक्त करते हैं। आपकी प्रतिबद्धता वाकई प्रेरणादायक है। मतदान अधिकारियों, सुरक्षाकर्मियों, स्वयंसेवकों और हमारी सभी टीमों का विशेष धन्यवाद, जिनके प्रयासों से सुचारू, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित हुई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने मतदाताओं से इस “लोकतंत्र के उत्सव” में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में बाहर आने का आह्वान किया। एक्स पर एक पोस्ट में मोदी ने विशेष रूप से युवाओं और पहली बार मतदान करने वालों से बाहर आकर मतदान करने का आग्रह किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी युवाओं की शिक्षा, रोजगार और महिला सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए अलगाववाद से लड़ने वाली सरकार चुनने के लिए भारी मतदान का आह्वान किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, “पहले मतदान, फिर जलपान।”
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी लोगों, खासकर युवाओं और महिलाओं से अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करने का आह्वान किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मतदाताओं को संबोधित करते हुए उन्हें राज्य के दर्जे में बदलाव के निहितार्थों की याद दिलाई और उनसे अपने अधिकारों की रक्षा करने की अपील की। उन्होंने शांति, स्थिरता और विकास पर केंद्रित भविष्य के लिए (मतदान में) भागीदारी के महत्व पर जोर दिया।
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