- हटा से पुष्पेन्द्र रैकवार कि रिपोर्ट

- हटा/ग्राम पांजी में लक्ष्मी नारायण यज्ञ एवं ब्रह्मा वैवर्त पुराण कथा का समापन
- सात दिवसीय पुराण कथा का समापन ग्राम पांजी में सात दिवसीय पुराण कथा का समापन कथा मंगलवार को समाप्त विशाल भव्य भंडारे का आयोजन किया गया।
- भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहले हवन यज्ञ में आहुति डाली और फिर प्रसाद ग्रहण कर पुण्य कमाया। श्री लक्ष्मी नारायण यज्ञ एवं ब्रह्मावैवर्त पुराण कथा का आयोजन आचार्य पंडित माधवेश ललित जी महाराज चित्रकूट धाम जी के मार्गदर्शन में समस्त ग्राम वासियों के सहयोग से करवाया गया था।

- कथा व्यास ने 7 दिन तक चली कथा में भक्तों को श्री लक्ष्मी नारायण यज्ञ ब्रह्मावैवर्त कथा की महिमा बताई।
- उन्होंने लोगों से भक्ति मार्ग से जुड़ने और सत्कर्म करने को कहा। कथा व्यास ने कहा कि हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है।
- दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि पुराण कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है।

- पुराण कथा से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है।
- कथावाचक राधा किशोरी ने भंडारे के प्रसाद का भी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि प्रसाद तीन अक्षर से मिलकर बना है। पहला प्र का अर्थ प्रभु, दूसरा सा का अर्थ साक्षात व तीसरा द का अर्थ होता है दर्शन।

- जिसे हम सब प्रसाद कहते हैं। हर कथा या अनुष्ठान का तत्वसार होता है जो मन बुद्धि व चित को निर्मल कर देता है। मनुष्य शरीर भी भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ प्रसाद है। जीवन में प्रसाद का अपमान करने से भगवान का ही अपमान होता है।
- भगवान का लगाए गए भोग का बचा हुआ शेष भाग मनुष्यों के लिए प्रसाद बन जाता है। कथा समापन के दिन मंगलवार को विधिविधान से पूजा करवाई।
- दोपहर तक हवन और भंडारा कराया गया। इसमें यजमानो ने अपने परिवार के साथ आहुति डाली। ग्राम के साथ साथ शहर से आए श्रद्धालुओं ने भी हवन में आहुति डाली।
- पूजन के बाद दोपहर को भंडारा लगाकर प्रसाद बांटा गया।आयोजन समिति ने सभी प्रत्यक्ष व प्रत्यक्ष रूप से समस्त सहयोगियों का आभार माना एवं सफल आयोजन की बधाई दी

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