हिंडोरिया *दमोह* कथा व्यास किशोरी वैष्णवी गर्ग जी के मुखारविंद से मेंहलबार माता बरेजा प्रांगण चौरसिया समाज द्वारा हिंडोरिया में आयोजन में महाराज परीक्षित का जन्म अभिषेक और शमिक ऋषि के पुत्र श्रृंगी ऋषि द्वारा परीक्षित को तक्षक सर्प द्वारा दंश का श्राप देना राजा परीक्षित का मोह भंग होना राजा का गंगा के तट पर पहुंचना और विलाप करना और श्री श्री शुकदेव गोस्वामी महाराज गंगा तट पर आगमन श्री शुकदेव गोस्वामी महाराज द्वारा राजा परीक्षित एवं जीव कल्याण के लिए सप्ताहिक श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण कराना एवं भागवत के दस लक्षणों के बारे में बताएं इसके साथ ही माता देवहूति एवं कपिल संवाद माता देवहूति का अपने पुत्र कपिल देव को गुरु बनाना एवं गुरु की महिमा की कथा श्री धाम वृंदावन की महिमा आदि लीलाओं वर्णन किशोरी जी ने श्रोताओं को बताया कि श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने से तथा हरि नाम लेने से जीव सिर्फ मोक्ष ही नहीं अपितु भगवान के नित्य धाम को जा सकता और कथा श्रवण करने से भगवान के श्री चरणों में अनंत कोटि पर्यंत तक वास मिलता है ।मुख्य यजमान समस्त चोरसिया समाज एवं सभी नगर बासी हिंडोरिया ने कथा श्रवण करने की अपील की है