गायत्री परिजनों ने अनुशासन का पर्व गुरुपूर्णिमा नगर में धूमधाम से मनाया गया गुरु पूर्णिमा पर्व

हटा पुष्पेंद्र रैकवार

हटा। गायत्री शक्तिपीठ में गुरुपूर्णिमा महोत्सव में प्रथम दिवस सूर्योदय से सूर्यास्त तक गायत्री महामंत्र जप एवं द्वितीय दिवस पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ के माध्यम से 6 पारियों में पीतवस्त्र धारी परिजनों ने यज्ञ भगवान को अपनी आहुतियां प्रदान की।

प्रज्ञापुत्र डॉ सी.एल.नेमा ने गुरु तत्व की विवेचना करते हुए गुरु का ब्रह्म, विष्णु एवं महेश के रूप मे गुरु के महत्व पर प्रकाश डालते हुए परिजनों से गुरु को दीक्षा के समय दिए गए कार्यों को करने की बात कही। उन्होंने गुरुपूर्णिमा को गुरुसत्ता के प्रति समर्पण का दिवस बताया।

मुख्य यजमान हरिनारायण चौरसिया ने यज्ञ में एमपी बाथरे का जन्म दिवस मनाया गया।

पंडित मदन गोपाल दुबे एवं शैलेंद्र नायक के द्वारा गायत्री महायज्ञ संपन्न कराया गया। यज्ञ में ग्रामीण अंचल से आए हुए परिजनों ने गुरु दीक्षा ली।

पेंशनर समाज के अध्यक्ष डॉक्टर रूप सिंह राजपूत ने बताया कि विचार प्रदूषण के समाधान के लिए 1000 गायत्री मंत्र लेखन पुस्तिकाओं को तैयार करने हेतु पेंशन समिति के 12 सदस्यों सुरेंद्र अग्रवाल रूप सिंह राजपूत, श्यामलाल नामदेव, विजय बहादुर सिंह,हरगोविंद पटेल तीरथ साहू,अरुण पटेल, चंद्रभूषण खरे,रामकृष्ण

श्रीवास्तव,बलराम अहिरवार,मन्नू लाल रामदेव,घनश्याम प्रजापति, काशीराम अहिरवार, सुरेश सोनी,अजय सोनी द्वारा अनुदान देकर राशि प्रदान कर गायत्री महामंत्र की पुस्तक बुलाई गई है यह पुस्तिकाएं निशुल्क वितरित की जावेगी उक्त पुस्तकों के निशुल्क वितरण हेतु गायत्री शक्तिपीठ परिसर में डॉ विजय सिंह राजपूत,गंगाराम पटेल अध्यक्ष जनपद पंचायत,रतन अग्रवाल,द्वारा तिलक एवं माला पहनाकर सभी पेंशनर्स समाज के परिजनों का सम्मान किया गया।

इस अवसर पर नगर वासियों के अलावा एक दर्जन ग्रामीण क्षेत्र से आए परिजनों की रहीनगर में धूमधाम से मनाया गया गुरु पूर्णिमा पर्व भारतीय संस्कृति में गुरु ज्ञान का प्रकाश पुंज है

जिसमें उनकी महिमा भी अविस्मरणीय है गुरु के सानिध्य में जीवन की दिशा एवं दशा दोनों परिवर्तन हो जाते हैं गुरु परमेश्वर का साक्षात रूप है रीति अनुसार शिष्य अपने गुरुजनों का आशीर्वाद लेने आज के दिन का बड़ा महत्व समझते हैं और गुरु अपने शिष्यों के बीच में रहकर उन्हें आशीर्वाद देते हैं नगर के मां चंडी जी मंदिर प्रांगण में पंडित वीरेंद्र शास्त्री जी महाराज के सानिध्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया जहां पर नगर व समुचे क्षेत्र से उनके शिष्यों ने पहुंचकर गुरु का पूजन वंदन कर आरती उतार कर उनका आशीर्वाद लिया

इसके अलावा नगर की उपकाशी के नाम से प्रसिद्ध देवों के देव महादेव गौरी शंकर भगवान के दरबार में सुबह से लेकर शाम तक भक्तों का जनसैलाब देखने को मिला है और भक्तों ने अपने-अपने गुरु एवं भगवान के समक्ष गुरु दीक्षा ली वहीं गौरी शंकर मंदिर के पुजारी पंडित राम सुजान पाठक द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि इस संसार में गुरु का बड़ा महत्व होता है

पहले गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरा पहले माता-पिता शिक्षक और गुरु का विशेष महत्व होता है पीतांबरा पीठ प्रांगण में परम पूज्य गुरुदेव बाबूजी की मूर्ति के समक्ष उनके शिष्यों ने चरण पादुका का पूजन कर आशीर्वादतो वही अजब धाम के छोटे सरकार का आशीर्वाद लेने भक्तों की लंबी कतार लगी रही वही विशाल भंडारे का आयोजन किया गया भक्तों ने गुरु की दीक्षा एवं आशीर्वाद लेने के बाद भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया

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