झांसी महानगर:रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय एवं भारतीय किसान संघ के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय कार्यशाला प्रारंभ

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रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय एवं भारतीय किसान संघ के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय कार्यशाला प्रारंभ
मुख्य अतिथि शिवकांत दीक्षित ने किसान और देशहित पर दिया प्रेरक उद्बोधन
कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने बुंदेलखंड के विकास की दिशा में विश्वविद्यालय की भूमिका को किया रेखांकित

झाँसी, 11 मई 2025

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झांसी।रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी एवं भारतीय किसान संघ, उत्तर प्रदेश (कानपुर प्रांत) के संयुक्त तत्वावधान में आज विश्वविद्यालय के बहुउद्देशीय हॉल में दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत भारतीय किसान संघ के ध्वजारोहण, भारत माता, भगवान बलराम एवं दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के चित्रों पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्वलन एवं संघ गीत के साथ की गई।मुख्य अतिथि शिवकांत दीक्षित ने बताया प्रदेश संयुक्त प्रदेश जी ने संगठन की रचनात्मक एवं आंदोलनात्मक नीति के साथ दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के विचारों को विस्तार से रखा। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान संघ “अन्न के हम भंडार भरेंगे और कीमत पूरी लेंगे” के सिद्धांत पर कार्य कर रहा है। देशी बीजों की महत्ता और दलहन उत्पादन को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि बुंदेलखंड में इस दिशा में बड़ा कार्य होना चाहिए, जिसमें संगठन कृषि विश्वविद्यालय के साथ मिलकर कार्य करेगा।कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय किसानों के लिए अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र कभी ‘दाल का कटोरा’ कहा जाता था, लेकिन अब किसानों ने दलहन की खेती कम कर दी है। भारत सरकार की योजनाओं के माध्यम से पुनः दलहन को बढ़ावा दिया जा रहा है।उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती, जैविक खेती के लिए विश्वविद्यालय में प्रयोगशाला की स्थापना की जा रही है। कटिया गेहूं, सरसों, मूँगफली, मोटे अनाज की संभावनाओं को रेखांकित किया। साथ ही फूल, दूध, मछली पालन, मुर्गी पालन आदि में किसानों को प्रशिक्षित करने की पहल का भी उल्लेख किया।विशिष्ट अतिथि प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. सुशील कुमार सिंह ने कार्यशाला की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय बुंदेलखंड क्षेत्र में बहुक्षेत्रीय कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि दतिया में दो नए महाविद्यालय – पशु विज्ञान एवं मत्स्यकी तथा मुरैना में एक उद्यानिकी महाविद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे विश्वविद्यालय के अंतर्गत कुल पाँच महाविद्यालय हो जाएंगे।उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती, जैविक खेती जैसे विषयों पर वैज्ञानिक जानकारी इस कार्यक्रम किसानों को दी जाएगी और आत्मनिर्भरता, सशक्तिकरण एवं समग्र विकास को लक्ष्य बनाया गया है।यह दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग विशेष रूप से बुंदेलखंड क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों के लिए आयोजित किया गया है, जिसमें जैविक एवं प्राकृतिक खेती पर वैज्ञानिकों एवं संगठन पदाधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है।ग्राम समितियों के माध्यम से किसान को स्वावलंबी बनाना और संगठन का विस्तार इस कार्यशाला का उद्देश्य है। कार्यशाला का समापन 12 मई 2025 को होगा।इस अवसर पर भारतीय किसान संघ के विभिन्न पदाधिकारी एवं विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक उपस्थित रहे:।राजेंद्र नायक (जिलाध्यक्ष) झांसी,राघवेंद्र सिंह राजपूत – पूर्व जिलाध्यक्ष, जिलाध्यक्ष जालौन, जिलाध्यक्ष चित्रकूट, जिलाध्यक्ष हमीरपुर,अनिल मुस्तारिया – महानगर अध्यक्ष,शिवराज सिंह – प्रांतीय मंत्री,मनीष चतुर्वेदी,आनंद मोहन – विभाग संगठन मंत्री,
जनक सिंह – जिला उपाध्यक्ष,विनय उपाध्याय,डॉ. गौरव शर्मा, डॉ. आरपी यादव, डॉ. डीपी सिंह आदि उपस्थित रहे। प्रचार शिक्षा निदेशक डॉ सुशील कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि शिवाकांत दीक्षित को स्मृति चिन्ह, पुष्प गुच्छ देखकर सम्मानित किया। महामंत्री कानपुर प्रांत कमलेश सिंह ने कुलपति डॉ अशोक कुमार सिंह को स्मृति चिन्ह, पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया।

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कार्यक्रम का सफल संचालन महामंत्री कानपुर प्रांत कमलेश सिंह ने किया तथा प्रांत अध्यक्ष साहब सिंह चौहान ने सभी अतिथियों, पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं , किसानों के प्रति आभार व्यक्त किया।

टीम मानवाधिकार मीडिया से आनन्द बॉबी चावला झांसी।

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