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- सिख आस्था के सबसे बड़े केंद्र ‘करतारपुर’ पहुंचेंगे सरोजनीनगर के श्रद्धालु : डॉ. राजेश्वर सिंह ने शुरू की सुविधा
- करतारपुर जाने वाले 41 सिख श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर : डॉ. राजेश्वर सिंह ने प्रदान किये बोर्डिंग पास
शकील अहमद
लखनऊ। जब संकल्प दृढ़ हो, तो असंभव भी संभव हो जाता है। धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक विरासत के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता को साकार करते हुए, सरोजनीनगर के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने 41 सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर साहिब तीर्थयात्रा की विशेष व्यवस्था कर इतिहास रच दिया है। यह पहली बार है जब सरोजनी नगर क्षेत्र से सिख श्रद्धालुओं को पूर्ण सहयोग के साथ अमृतसर-करतारपुर साहिब तीर्थयात्रा करवाई जा रही है, जिससे यह पहल ऐतिहासिक बन गई है।
डॉ. राजेश्वर सिंह की दूरदर्शी पहल के अंतर्गत श्रद्धालु 24 फरवरी 2025 को अमौसी एयरपोर्ट से अमृतसर के लिए रवाना होंगे। स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने के पश्चात, वे वाघा बॉर्डर पार कर ऐतिहासिक करतारपुर साहिब गुरुद्वारा पहुंचेंगे, जहां वे गुरु नानक देव जी का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। सभी श्रद्धालु 26 फरवरी 2025 को वायुयान से ही लखनऊ वापस लौटेंगे। समाज और धर्म की सेवा ही सबसे बड़ा कर्तव्य है। इसी भावना के साथ विधायक आवास (K950, आशियाना) पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां श्रद्धालुओं को विधिवत बोर्डिंग पास सौंपे गए।
इस अवसर पर, डॉ. सिंह ने सिख प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को पटका और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया और सिख विरासत, धार्मिक सौहार्द एवं इस यात्रा के महत्व पर विस्तृत चर्चा की। इस अवसर पर, डॉ. सिंह ने इस तीर्थयात्रा को गुरु नानक देव जी का आशीर्वाद बताया, जिन्होंने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष करतारपुर साहिब में बिताए थे।
उन्होंने श्रद्धालुओं को आश्वस्त करते हुए कहा,” अमृतसर से लेकर करतारपुर साहिब तक की सभी व्यवस्थाएँ मैं स्वयं देख रहा हूँ, ताकि हमारे सिख भाई-बहनों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।” सिख गुरुओं के बलिदानों को याद करते हुए, उन्होंने सिख समुदाय की वीरता की सराहना करते हुए कहा, “सिखों की बहादुरी के कारण ही आज हिंदुस्तान का अस्तित्व है।
” डॉ. राजेश्वर सिंह ने करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता और प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को सिख गुरुओं के बलिदान से प्रेरणा लेकर समाज और राष्ट्र की सेवा करनी चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने सरोजिनी नगर विधानसभा क्षेत्र में ‘विरासत-ए-खालसा’ भव्य तीर्थ स्थल की स्थापना का संकल्प भी दोहराया।
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों को रेखांकित करते हुए, उन्होंने बताया कि अब तक 37 बार ‘राम रथ श्रवण अयोध्या यात्रा’ का सफलतापूर्वक आयोजन कर 5,000 से अधिक श्रद्धालुओं को अयोध्या धाम और नैमिषारण्य धाम की यात्रा करवाई गई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि अयोध्या यात्रा की ही तरह, करतारपुर साहिब यात्रा भी निरंतर चलती रहेगी। सिख प्रतिनिधिमंडल ने डॉ. राजेश्वर सिंह के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि अब तक किसी विधायक ने सिख समुदाय के लिए इतना बड़ा कार्य नहीं किया।
इस अवसर पर सिख श्रद्धालुओं के सम्मान में एक विशेष सामुदायिक लंच का भी आयोजन किया गया। सिर्फ योजनाएँ बनाना ही नहीं, बल्कि उन्हें ज़मीन पर उतारना ही असली सेवा है – यही डॉ. राजेश्वर सिंह की कार्यशैली है। उन्होंने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देते हुए करतारपुर साहिब तीर्थयात्रा को अपने सेवा अभियान का हिस्सा बना कर एक नया स्वर्णिम अध्याय जोड़ा है। यह पहल सिर्फ एक तीर्थयात्रा नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति है, जो सभी वर्गों को समान अवसर और सम्मान प्रदान करने की दिशा में एक सशक्त कदम है।
इस मौके पर अध्यक्ष केंद्रीय सिंह सभा आलमबाग गुरुद्वारा सरदार निर्मल सिंह, अध्यक्ष सिंह सभा नाका हिंडोला चारबाग डॉ. हरजोत सिंह, अध्यक्ष अहियागंज गुरुद्वारा डॉ. गुरमीत सिंह, अध्यक्ष सदर गुरुद्वारा हरपाल सिंह जग्गी, अध्यक्ष मानसरोवर गुरुद्वारा एलडीए संपूर्ण सिंह बग्गा, नानक प्याऊ गुरुद्वारा हिंद नगर टीटू, अध्यक्ष आशियाना गुरुद्वारा जसपाल सिंह बोरा, अध्यक्ष भाई लालो जी गुरुद्वारा VIP रोड जसवंत सिंह मारवाह, अध्यक्ष सिक्खी मेरी पहचान संस्था दिलप्रीत सिंह, अध्यक्ष रामगढ़िया बिरादरी लखनऊ मानसिंह मान, बाबा दीप सिंह समिति सुखदेव सिंह, खालसा चौक समिति राजेंद्र सिंह लकी, अध्यक्ष गूंज संस्था सुरेंद्र सिंह बक्शी, नाका हिंडोला गुरुद्वारा चारबाग सतपाल सिंह मीत, अल्पसंख्यक मोर्चा नगर उपाध्यक्ष मनमोहन सिंह मोनी, वरिष्ठ समाजसेवी रणवीर सिंह भसीन, अध्यक्ष संस्था मेरी पीरी कुलदीप सिंह, पूर्व सदस्य सरदार परविंदर सिंह, तेजपाल सियाल, मंजीत तलवार, नगर मंत्री लखविंदर पाल सिंह, डॉ. अमरजीत सिंह, पिंकी वरमानी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघचालक रणवीर सिंह, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य परमिंदर सिंह, मनजीत सिंह, रजिन्दर सिंह बग्गा, रजिन्दर सिंह दुआ व सिख समाज के अनेक गणमान्य मौजूद रहे।
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