महदेईया बाजार(बलरामपुर)। जीवन बीमा व्यक्ति इस उद्देश्य से करवाता है कि उसके साथ कोई घटना दुर्घटना होने पर या मृत्यु के उपरांत परिजनों के पास कुछ जमा पूंजी रहे जिससे उनके पालन पोषण में मदद मिल सके और परेशान न होने पड़े। लेकिन बैंक व बीमा कंपनियों की लापरवाही से परिजनों को पैसे निकालने के लिए वर्षों बैंक का चक्कर लगाना पड़ रहा है। एक ऐसा ही मामला तहसील उतरौला क्षेत्र के महदेईया बाजार का सामना आया है जहां एक विधवा महिला अपने पति के बीमा का पैसा निकालने के लिए दर दर की ठोकर खा रही है। करीब दो वर्षों से बैंक की दौड़ लगा रही है लेकिन उसका सुनने वाला कोई नहीं है। पीड़ित महिला ने डीएम व एलडीएम को प्रार्थना पत्र भेजकर पैसा निकलवाए जाने की गुहार लगाई है।
तहसील उतरौला क्षेत्र के ग्राम बनगवां के मौजा भरपुरवा निवासिनी तुलसापति पत्नी स्व० फकीरा ने प्रार्थना पत्र में बताया है कि उसके पति के नाम पर प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक शाखा महदेईया मोड़ –9036 में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा चल रहा था। जिसका खाता संख्या – 90360100128677 है। प्रार्थिनी के पति का दो वर्ष पूर्व देहांत हो गया था। बीमा में प्रार्थिनी नॉमिनी है। प्रार्थिनी बीमा का पैसा निकलवाने के लिए दो वर्षों से बैंक की दौड़ लगा रही है। लेकिन पैसा बैंक द्वारा नहीं निकलवाया जा रहा है। कल आओ, परसो आओ की बात कहकर दो वर्षों से दौड़ाया जा रहा है। बताया कि उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है दो बेटियों व तीन बेटों की जिम्मेदारी है। बीमा ही मात्र जमा पूंजी है। पैसा न निकलने से अवसाद ग्रस्त व सदमे में रहती है तथा बैंक से उसका विश्वास भी उठ गया है।
रिपोर्ट ;- रामप्रकाश वर्मा