झांसी दिनांक 14 दिसम्बर 2024
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सामुदायिक जागरूकता से ही जल संरक्षण संभव:- मुख्य विकास अधिकारी
मुख्य विकास अधिकारी ने अटल भूजल योजनांतर्गत ग्राम ढिकोली में किया निर्माणाधीन अमृत सरोवर का निरीक्षण
एक एक बूंद का संरक्षण है महत्वपूर्ण, जिससे उसका उपयोग अनेक कार्यों में किया जा सके
अनियंत्रित और अवैज्ञानिक आधार पर भू-गर्भजल के दोहन से क्षेत्र में भूजल की गम्भीर समस्या खड़ी हो रही है, इसे मिलकर रोकना है
अमृत सरोवर में होगा 120004 घन मी जल का होगा संरक्षण, क्षेत्र के जल स्तर में होगा इजाफा
जल है तो जीवन है और बिना जल के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती, इस दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण अभियान सरोवर को पर्यटन स्थल के रूप में किया जाए डिवलप, चारों ओर होगा वृक्षारोपण और चौड़ा पाथवे
झांसी।मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद ने विकासखण्ड बबीना की ग्राम पंचायत ढिकोली में अटल भूजल योजना से निर्मित अमृत सरोवर तालाब का किया निरीक्षण, मौके पर ग्रामीणों से संवाद के दौरान अटल भूजल योजना के बारे में जागरूक करते हुए कहा कि अटल भूजल योजना केंद्र सरकार द्वारा संचालित महत्वाकांक्षी योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में गिरते भू-जल की समस्या को कम करके भू-जल स्तर को बढ़ाना है।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘कैच द रेन’ कार्यक्रम प्रारम्भ किया था। इस योजना के अन्तर्गत भूजल संरक्षण के सम्बन्ध में जन जागरूकता के उद्देश्य से जनपद में लगातार अमृत सरोवर का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। यह जनपद व क्षेत्र के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक को पेयजल और भूगर्भ जल की सुरक्षा के प्रति जागरूक करने में सभी अपना योगदान दें।
उन्होंने विकासखंड बबीना के ग्राम ढिकोली में अटल भूजल योजना अंतर्गत निर्माणाधीन अमृत सरोवर का निरीक्षण करते हुए कहा कि जल संरक्षण की परम्परागत पद्धतियों को पुनर्जीवित करते हुए अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने का लक्ष्य निर्धारित रखते हुए कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में भूजल की मांग में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है। अनियन्त्रित और अविवेकपूर्ण दोहन तथा पुनर्भरण के अभाव में इसकी उपलब्धता तथा गुणवत्ता में कमी आ रही है। इसके प्रति प्रत्येक क्षेत्रवासी को जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्हें बताया जाना चाहिए कि अगर हम कहीं से जल ले रहे हैं तो उसकी भरपाई होनी चाहिए। जैसे यदि किसी बैंक एकाउण्ट से केवल पैसा निकाला जाए और जमा न किया जाए तो एक समय आयेगा कि एकाउण्ट खाली हो जाएगा। यही स्थिति भूगर्भ जल के सम्बन्ध में है।
मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद ने मौके पर उपस्थित ग्रामीणों से कहा कि उत्तर प्रदेश में भूगर्भीय जल प्रबन्धन और विनियमन अधिनियम-2019 प्रख्यापित किया गया है। इसमें प्रधानमंत्री जी द्वारा दी गयी थीम ‘कैच द रेन’ को आगे बढ़ाने का कार्यक्रम प्रदेश में शुरू किया गया है। इसे झांसी सहित प्रदेश में लागू किया गया। विशेषकर वर्षा का जो जल बह जाता है, उसकी एक-एक बूंद के संरक्षण के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया है। आज इनके सकारात्मक परिणाम हमारे सामने हैं।
मुख्य विकास अधिकारी ने अमृत सरोवर का निरीक्षण करते हुए कहा कि जल है तो जीवन है और बिना जल के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इस दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण कार्य है। इस कार्य से वर्षा की प्रत्येक बूंद के संरक्षण का प्रयास करेंगे तो काफी बड़े पैमाने पर खारे पानी की समस्या का समाधान भी एक समय सीमा में करने में सफलता प्राप्त होगी।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने सरोवर के चारों तरफ वृहद वृक्षारोपण किए जाने तथा पाथवे बनाए जाने के भी निर्देश दिए उन्होंने बताया कि क्षेत्र में इस तालाब से जहां जलस्तर में वृद्धि होगी वही पर्यावरण में भी सुधार होगा।
मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद ने निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों से बात करते हुए मूंगफली उत्पादन की जानकारी ली। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि आप अपनी मूंगफली प्रशासन द्वारा बनाए गए मूंगफली क्रय केंद्र पर ही बेचे ताकि सरकार द्वारा एमएसपी का लाभ मिल सके।
मौके पर कार्यदाई संस्था नमामि गंगे एवं ग्रामीण जल आपूर्ति विभाग (लघु सिंचाई विभाग) के अधिशासी अभियंता अश्वनी कुमार सिन्हा ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र के अंतर्गत जनपद में अटल भूजल योजना के अंतर्गत जल संरक्षण एवं भूजल रीचार्ज हेतु जानकारी देते हुए बताया कि अमृत सरोवर पूर्ण होने से क्षेत्र में 17.14 हे0/प्रति वर्ष क्षमता वृद्धि तथा प्रतिवर्ष 08.36हे0मी0 भूगर्भ जल में वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि उक्त कार्य पर 63 लाख से अधिक व्यय किया गया।
इस अवसर पर भू भौतिकवेद श्री मनीष कुमार कनोजिया, सहायक अभियन्ता लघु सिंचाई महेश बाधानी, अवर अभियंता लघु सिंचाई नेथी राम,ग्राम प्रधान सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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टीम मानवाधिकार मीडिया से ब्यूरो रिपोर्ट झांसी।