क्या प्राइवेट कर्मियों के चंगुल से आज़ाद होगा पूर्ति कार्यालय?

नौतनवां/महराजगंज (आज): मुख्यमंत्री के स्पष्ट और सख्त निर्देशों के बावजूद नौतनवा तहसील के पूर्ति कार्यालयों में प्राइवेट कर्मचारियों का कब्जा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सरकारी गोपनीयता और पारदर्शिता को ताक पर रखकर विभागीय कार्यों का पूरा संचालन प्राइवेट कर्मियों के हवाले कर दिया गया है।

बताया जा रहा है कि इस पूरे खेल की जिम्मेदारी तहसील में तैनात क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी और पूर्ति निरीक्षक की है, जिनकी मिलीभगत से कार्यालय दलालों का अड्डा बन चुका है। यहां प्राइवेट कर्मचारी न केवल फाइलों का निपटारा कर रहे हैं, बल्कि विभागीय गोपनीय दस्तावेजों की भी खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं।आम जनता को मामूली कामों के लिए महीनों तक चक्कर लगाने पड़ते हैं, जबकि दलालों के माध्यम से फाइलें चंद घंटों में निपटा दी जाती हैं। राशन कार्ड सत्यापन से लेकर अन्य आवश्यक कार्यों में भारी गड़बड़ियां उजागर हो रही हैं,जानकारों की माने तो,इस अनियमितता में मुकेश गुप्ता नामक प्राइवेट कर्मचारी की प्रमुख भूमिका सामने आ रही है। जो लंबे समय से विभागीय नियमों की अनदेखी करता आ रहा है।
लेकिन जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई के बजाय आंखें मूंदे बैठे हैं। जब कि इस तरह की खबरों को प्रमुखता से छपने के बाद कार्यालय से प्राइवेट कर्मी नदारद दिख रहे हैं,तो क्या अब लोगों को दलालों के चंगुल से राहत मिल सकेगी?

Share