पोर्ट सूडान । सूडानी सरकार ने देश के सशस्त्र संघर्ष से प्रभावित लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचाने में बाधा डालने के अमेरिकी आरोपों का खंडन किया है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, सूडान के मानवीय सहायता आयोग (जो मानवीय कार्यों का प्रबंधन करने वाली सरकारी संस्था है) ने एक बयान में कहा कि सूडान पर अमेरिका के विशेष दूत टॉम पेरीलो द्वारा लगाए गए आरोप, आयोग के प्रयासों को निशाना बनाकर किए गए एक संगठित अभियान का हिस्सा थे।
बयान में कहा गया है, यह और अधिक साहसी होता यदि वह रैपिड सपोर्ट फोर्सेज मिलिशिया की आलोचना करते, जो मानवीय सहायता पहुंचाने में लूटपाट, हिरासत में लेने और बाधा डालने, जरूरतमंद लोगों को घेरने और उन्हें भोजन और दवा तक पहुंच से वंचित करने का काम कर रही है।
बयान में कहा आगे कहा गया, 1 जनवरी से 6 नवंबर के बीच मानवीय सहायता आयोग ने संगठनों और एजेंसियों को 12,170 मूवमेंट परमिट दिए, 1,073 ट्रकों को एड्रे और टीना क्रॉसिंग के माध्यम से प्रवेश करने की अनुमति दी और विदेशी मानवीय कार्यकर्ताओं के लिए 2,985 प्रवेश वीजा स्वीकृत किए।
बयान में कहा गया है कि सीमा शुल्क और कर छूट, सहायता के परिवहन और आपूर्ति की खरीद के रूप में सरकार द्वारा प्रदान की गई कुल धनराशि 600 मिलियन डॉलर से अधिक हो गई।
बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में पेरीलो ने कहा था कि मानवीय सहायता आयोग (एचएसी) ने देश भर के राज्यों में जीवन रक्षक आपूर्ति पहुंचाने के लिए 550 मानवीय राहत ट्रकों में से 520 को पोर्ट सूडान से जाने से रोक दिया।
सूडान अप्रैल 2023 के मध्य से सूडानी सशस्त्र बलों और आरएसएफ के बीच संघर्ष की चपेट में है। 14 अक्टूबर को आई एक रिपोर्ट के अनुसार चल रहे संघर्ष ने 24,850 से अधिक लोगों की जान ले ली है। अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन का अनुमान है कि 29 अक्टूबर तक सूडान के भीतर या बाहर 14 मिलियन से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं।