
“विकसित कृषि संकल्प अभियान”-2025 के अंतर्गत वैज्ञानिकों ने किया ग्राम भ्रमण, किसानों से किया संवाद
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की पहल से ग्रामीण किसान हो रहे लाभान्वित
झाँसी। रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी द्वारा संचालित “विकसित कृषि संकल्प अभियान”-2025 के अंतर्गत रविवार को अभियान के ग्यारहवें दिन उत्तर प्रदेश के झाँसी जनपद एवं मध्य प्रदेश के विभिन्न ग्रामों में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की दो टीमों ने किसानों से सीधा संवाद कर वैज्ञानिक कृषि तकनीकों की जानकारी दी। यह अभियान किसानों को खेती में नवाचार, सरकारी योजनाओं एवं आधुनिक कृषि विधियों से जोड़ने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।
डॉ. अर्तिका सिंह ने झाँसी जिले के बंगरा ब्लॉक स्थित मगरपुर, बंगरा एवं टिकरी गांवों का भ्रमण कर किसानों से मुलाकात की। उन्होंने किसानों को मूंगफली की उन्नत किस्में, बीज उपचार की विधियाँ, पौधों के बीच उचित दूरी बनाए रखने, खेत की मेढ़ों एवं जल निकासी की महत्ता, मृदा स्वास्थ्य परीक्षण, पोषक तत्वों के संतुलित प्रबंधन, फसल चक्र एवं हरित खाद के प्रयोग के बारे में वैज्ञानिक जानकारी प्रदान की। उन्होंने यह भी बताया कि वैज्ञानिक तरीकों से खेती करने से लागत में कमी और उत्पादन में वृद्धि संभव है। जैविक खेती और कृषि यंत्रों जैसे सीड ड्रिल के प्रयोग पर भी विशेष जानकारी दी गई।

डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. वैभव सिंह एवं डॉ. चंद्रशेखर ने मऊरानीपुर ब्लॉक के भदरवारा, खिलारा एवं भंडरा ग्रामों तथा गुरसराय ब्लॉक के सिमरधा, बंकापहाड़ी, पंडवाहा और टोड़ी फतेहपुर गांवों का दौरा किया। साथ ही डॉ. विनोद, डॉ. अमित सिंह, डॉ. विश्वनाथ, डॉ. सौरभ सिंह, डॉ. अर्पित सूर्यवंशी, डॉ. शैलेन्द्र कुमार, डॉ. कुलेश्वर साहू, डॉ. उमेश पंकज, डॉ. सुधांशु रमन, डॉ. डेविड चेला भास्कर, डॉ. अलका जैन एवं डॉ. राजीव नंदन ने मऊरानीपुर के रूपा धमना, स्यावरी, भदरवारा एवं निवाड़ी जिले के ततारपुरा, पृथ्वीपुर, चिरपुरा, ज्योरामोरा गांवों में भ्रमण किया।
वैज्ञानिकों की अलग-अलग टीमें
अलग- अलग ग्रामों में किसानों से संवाद स्थापित किया। इस दौरान किसानों को मूंगफली की फसल में लगने वाले प्रमुख रोगों एवं कीटों की पहचान और उनके जैविक व रासायनिक प्रबंधन की सरल विधियाँ बताई गईं। साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, उन्नत बीज वितरण जैसी केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी देकर लाभ लेने के लिए प्रेरित किया गया।

दोनों टीमों ने किसानों को कृषि से जुड़ी मोबाइल एप्लिकेशन, फसल विविधिकरण, जल संरक्षण तकनीक, पोषक तत्वों के संतुलित उपयोग, सिंचाई विधियाँ, बीज चयन, खरपतवार और कीट नियंत्रण के उपायों की भी जानकारी दी। किसानों ने विभिन्न समस्याओं पर वैज्ञानिकों से संवाद कर समाधान प्राप्त किए।
इस अभियान के दौरान किसानों की सक्रिय भागीदारी और उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया देखने को मिली। वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन और सरल भाषा में दी गई तकनीकी सलाहों से किसानों को आत्मविश्वास मिला कि वैज्ञानिक खेती को अपनाकर वे अपनी कृषि को लाभकारी, टिकाऊ और आधुनिक बना सकते हैं।

इस अभियान में ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी, कृषि अधिकारी, आईजीएफआरआई, काफरी तथा कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों का भी सराहनीय सहयोग रहा। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की यह पहल ग्रामीण भारत की कृषि को सशक्त और वैज्ञानिक बनाने की दिशा में एक प्रेरणादायक प्रयास बनकर उभर रही है।

टीम मानवाधिकार मीडिया से आनन्द बॉबी चावला झांसी।