नौतनवां/महराजगंज (आज): प्रदेश सरकार के सख्त निर्देशों के बावजूद नौतनवा तहसील के पूर्ति कार्यालयों में दलालों का कब्जा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। विभागीय गोपनीयता को ताक पर रखकर कार्यालय का संचालन प्राइवेट कर्मियों और दलालों के हाथों में सौंप दिया गया है।
हाल ही में इस गड़बड़ी को लेकर एक खबर प्रकाशित होने के बाद एक कार्यालय में ताला लटकता नजर आया, तो दूसरे कार्यालय में जनता अपनी समस्याओं के समाधान के लिए भटकती दिखी। इसी बीच कार्यालय के बाहर खड़े दलाल जनता को बहला-फुसलाकर अपना फायदा निकालते नजर आए।
बताया जा रहा है कि इस पूरे खेल में विभागीय जिम्मेदारों की मिलीभगत भी है। मुकेश गुप्ता नामक प्राइवेट कर्मचारी और उसके साथी वर्षों से इस गड़बड़ी को अंजाम दे रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि नगर के ही एक कम उम्र बच्चे को भी कार्यालय में विभिन्न कामों के लिए रखा गया है।जो इसी कार्यालय में एक प्राइवेट कर्मी का भांजा बताया जा रहा है।जिस नाबालिग का शिक्षा बजाय पैसे के लालच में उसका भविष्य बर्बाद किया जा रहा है।
जिसकी समस्त जिम्मेदारी विभागाध्यक्ष की है।
इस के चक्कर मे जनता को छोटे-छोटे कामों के लिए महीनों दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं, जबकि दलालों के जरिए फाइलें चंद घंटों में रफ दफा कर दिया जाता है।
जिला आपूर्ति निरीक्षक ए पी सिंह ने बताया कि किसी भी कार्यालय पर नाबालिग बच्चों से कार्य नहीं कराया जाता है,अगर ऐसा हो रहा है तो इसकी जाँच कराई जाएगी।
आपूर्ति विभाग के पारदर्शिता पर उठ रहे सवाल,क्या दलालों से मिलेगी निजात?

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