भूमि के फर्जी दस्तावेजों से हस्तांरित करने अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ संबंधित व्यक्तियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराये जाने के आदेश जारी किए है।कमिश्नर डॉ. रावत

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दमोह हटा संवाददाता पुष्पेंद्र रैकवार

  • सही के साथ सही ग़लत के साथ गलत
  • जिले में कूट-रचित दस्तावेज तैयार कर राजस्व अभिलेखों में गलत प्रविष्टियां करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने कमिश्नर डॉ रावत ने जारी किए आदेश==
  • मामला निवाड़ी जिले की ग्राम बबेड़ी में स्थित भूमि के फर्जी दस्तावेजों से हस्तांरित करने का कमिश्नर सागर संभाग डा. वीरेन्द्र सिंह रावत ने निवाड़ी जिले की ओरछा तहसील के ग्राम बबेड़ी जंगल में स्थित भूमि खसरा नंबर 37/7/1/1, रकवा 8.000 हेक्टेयर भूमि को फर्जी और कूट-रचित दस्तावेज तैयार कर राजस्व अभिलेखों में बाद के वर्षों में गलत प्रविष्टियां अंकित कराने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ संबंधित व्यक्तियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराये जाने के आदेश जारी किए है।
  • कमिश्नर डॉ. रावत ने जारी आदेश में तहसीलदार ओरछा को भी आदेशित किया है कि उक्त भूमियों को राजस्व अभिलेख में मध्यप्रदेश शासन के पक्ष में दर्ज कर शासन हित में भूमि का कब्जा प्राप्त किया जाये। कमिश्नर सागर संभाग ने यह कार्रवाही 15 दिवसों में पूर्ण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के आदेश कलेक्टर निवाड़ी को दिए है।
  • कमिश्नर सागर संभाग डा. रावत के द्वारा जारी आदेश के अनुसार राजस्व न्यायालय में दो पक्षों ने अपील करते हुए निवाडी जिले के ओरछा तहसील में बबेडी जंगल में स्थित लगभग 8.000 हेक्टेयर भूमि पर अपना कब्जा बताया था।
  • जिस पर कमिश्नर सागर संभाग ने कलेक्टर निवाड़ी के माध्यम से भूमि पर दोनों व्यक्तियों के कब्जे के संबंध में वस्तु स्थिति की जांच कराई थी। जांच में यह पाया गया कि ग्राम बबेड़ी जंगल की भूमि सर्वे नंबर 37/7/2/1 कुल रकवा 2.023 हेक्टेयर एवं खसरा नंबर 37/7/1 कुल रकवा 4.000 हेक्टेयर के राजस्व अभिलेख में छेड़-छाड़ करते हुए दायरा पंजी वर्ष 1969-70 में दर्ज प्रकरण क्रमांक 40 से 48 तक कूट रचना कर राजस्व अभिलेख में छेड़-छाड़ एवं पृष्ठ आदि को फाड कर फर्जी इन्द्रराज किए गए है।
  • जो आपराधिक श्रेणी के अंतर्गत आते है। जांच में यह भी पाया गया कि राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों की मिली भगत से फर्जी और कूटरचित दस्तावेजों से भूमि की गलत प्रविष्टियां की गई थी। जांच में यह भी पाया गया कि राजस्व न्यायालय में प्राप्त दायरा पंजी वर्ष 1969-70 को अवलोकन करने पर यह तथ्य सामने आया कि दायरा पंजी के प्रारंभ में दर्ज प्रकरणों और बाद में दर्ज प्रकरणों को अन्य स्याही से फर्जी कूटरचित तरीके से दर्ज किया गया है।
  • दायरा पंजी के पृष्ठों को फाड़ कर उन्हें पुनः इस प्रकार से सेलोटेप द्वारा जोड़ा गया है ताकि प्रकरणों से संबंधित वास्तविक जानकारी प्राप्त न हो सके।इसी प्रकार मूल दस्तावेजों के राजस्व रिकार्ड में छेड़-छाड़ करते हुए विभिन्न प्रकार की स्याही से प्रविष्टियां तैयार की गई है एवं फर्जी दस्तावेज आदि तैयार कराये जाकर शासन की बेस कीमती व बहुमूल्य भूमि को हानि पहुंचाने एवं उसे क्रय-विक्रय आदि करने का आपराधिक कृत्य किया गया कमिश्नर ने उक्त तथ्यों के आधार पर अपीलर्थीयों द्वारा प्रस्तुत अपील को बलहीन व सारहीन होने के कारण निरस्त कर दी है तथा राजस्व भूमि के कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नामांतरित करने वाले अधिकारियों कर्मचारियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश जारी किए है।ए
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